मातृभूमि धर्म संघ में महिलाओं का स्थान 

 

मातृभूमि धर्म संघ का पहला शब्द ही मां पर है। जननी पर है। जीवनदायिनी महिलाओं के लिए है। मातृभूमि धर्म संघ में महिलाओं को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। उन्हें देवी माना गया है। क्योंकि वे देने वाली होती हैं। वह हम सबको जीवन देती हैं। हमें पालती है। पोषती हैं। इसलिए व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका महिलाओं की है।

आज के समाज में महिलाओं और बच्चियों की क्या स्थिति है इससे मातृभूमि धर्म संघ आंख मूंदकर नहीं बैठा है। मातृभूमि धर्म संघ ने ठान लिया है कि वे जीवन दायनी महिलाओं को सबल, सक्षम बनाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में हर संभव मदद करेंगे।

महिलाओं और बच्चियों को शिक्षा, रोजगार, आर्थिक, सामाजिक हर क्षेत्र में मदद करेंगे। उनके लिए स्वरोजगार के सारे रास्ते खोले जाएंगे। उनके पैरों की बेड़ियां बनी सारी सामाजिक कुरूतियों को दूर किया जाएगा। महिलाओं और बच्चियों को शस्त्र (शारीरिक-मानसिक ताकत) और शास्त्र (शिक्षा) दोनों में मजबूत किया जाएगा।